देश में स्तनपान की मौजूदा स्थिति पर तैयार की गई इंडिया रिपोर्ट २००८ में बताया गया हे की जिन शिशुओ और बच्चो को स्तनपान व् पूरक आहार का सेवन समुचित प्रकार से नही कराया जाता है। स्तनपान व् पूरक आहार से वंचित अनेक बच्चे बीमारियों का शिकार हो रहे है।
उक्त रिपोर्ट में स्तनपान से सम्बन्ध नीतिया और कार्यक्रमों में व्याप्त कमियों को दूर करना आवश्यक बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है की स्तनपान के लिए महिलाओ को समर्थन देने सम्बन्धी कार्यक्रम दोषपूर्ण है।
शाशकीय सेवाओ में कम करने वाली महिलाओ के लिए मातृत्व अवकाश के प्रावधान के पश्चात कुछ प्रगति हुई है। तथापि, अनौपचारिक क्षेत्र में कम कराने वाली ९५ प्रतिशत महिलाओ को मत्रुत्व अवकाश का लाभ नही मिलता। विशेषज्ञों की राय है की बच्चो को सिर्फ़ स्तनपान कराने के लिए चाह माह तक माता और शिशु का एक साथ रहना बहुत जरुरी है।
स्तनपान के प्रोत्साहन में सामुदायीक स्वास्थ्य केन्द्र, स्वास्थ्य कर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, व पंचायतीराज संस्थाए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
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