Wednesday, June 5, 2013

KURAAN KARIM

कुरआन करीम !

* अल्लाह की जबानी
* अल्लाह की किताब

* एक हिकमत व हिदायत वाला कलाम.....
* हकीकत व सच्चाइ को साफ साफ तौर पर बताने वाली किताब

* सच व झुट में फर्क बताने वाली किताब

* शुरू से आखीर तक रोजे अव्वल से रोजे हश्र (कयामत) तक तमाम दुनीयाँ वालों के लिये एक कानुन-एक दस्तुर.........

* हर किस्मत कि बरकतों का सबब......

* रहमत व बरकत और शिफा का असर...

* उल्झनों और मुश्किलात का हल.....

* सिर्फ और सिर्फ कुरआन करिम...॥

* इस्को हमने नमाजे तरावीह में सूना...

* हर रोज लाखो करोडों ने पढा.....

* मगर क्या हमने कभी इसे समझा....

* क्या हमने इसे समझ कर पढा.....

क्या हमने समझ ने कि कोशिश कि

हमने इसे पढा और सुना तो फिर अमल किया ?

सोचीये, अब भी वक्त है !
इसे पढिये, पढाइये
मगर अमल जरूर किजीये......

क्यों के अमल से जिंदगीयाँ बनती है.....
जन्नत भी जहन्नम भी
आप को क्या चाहिये ?
जन्नत या जहन्नम
आखिर फैसला आपका ।

अल्लाह अज वो जल, अमल करने की तौफीक दे..... आमीन

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