मुसलमान यह स्वीकार करते हैं कि अल्लाह अकेला परवरदिगार है और हज़रत मुहम्मद (स) अल्लाह के रसूल हैं। इस तरीके से कोई भी व्यक्ति क्षेत्र इस्लाम में जाता है। जब हज़रत मोहम्मद (स )उपकरण और स्लम को अल्लाह का रसूल मान ले तो उस पर वाजिब हो जाता है कि उनकी हर बात पर विश्वास रखे और अमल करने की कोशिश करे। जैसे उन्होंने कहा कि मेरे बाद कोई नबी नहीं और वे परमेश्वर के अन्तिम रसूल हैं तो इस बात पर विश्वास रखना इस्लाम के एकाधिकार में है। इस्लाम के मुख्य धर्म जिन पर मुसलमानों के किसी समुदाय में कोई मतभेद नहीं, निम्नलिखित हैं
अल्लाह एकमात्र और लाशरिक है। इसके अलावा कोई पूजा के योग्य नहीं।
हज़रत मोहम्मद अल्लाह के अन्तिम रसूल हैं।
कुरान अल्लाह की किताब है और उसका हर शब्द और अक्षर अल्लाह से है।
क़यामत और हिसाब और किताब यानी हयात बाद बाद अल मौत पर विश्वास।
नमाज़, रोज़ा, ज़कात और उसके (जो नये बूते रखता हो) की फ़र्ज़ियत पर विश्वास।
फ़रिशतों , पूर्व अम्बिया और पुस्तकों पर विश्वास।
अल्लाह एकमात्र और लाशरिक है। इसके अलावा कोई पूजा के योग्य नहीं।
हज़रत मोहम्मद अल्लाह के अन्तिम रसूल हैं।
कुरान अल्लाह की किताब है और उसका हर शब्द और अक्षर अल्लाह से है।
क़यामत और हिसाब और किताब यानी हयात बाद बाद अल मौत पर विश्वास।
नमाज़, रोज़ा, ज़कात और उसके (जो नये बूते रखता हो) की फ़र्ज़ियत पर विश्वास।
फ़रिशतों , पूर्व अम्बिया और पुस्तकों पर विश्वास।
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