Wednesday, May 20, 2020

शख्सियत



जेल से रिहा होने के बाद मोहानी के पास रोजी-रोटी का कोई साधन नही था। गुजर-बसर के लिए उन्होंने स्वदेशी कपड़ों का व्यापार करने का निर्णय लिया। अलीगढ़ के मिस्टन रोड पर ‘खिलाफत स्टोर लिमिटेड’ कायम किया। जिसमें उन्होंने अर्से तक स्वदेस निर्मित कपड़े खरीद-फरोख्त करते रहे। हसरत मोहानी हिन्दुस्तान के वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने स्वदेशी कपड़ों का व्यापार किया और जनता को उसके इस्तेमाल का फायदा समझाएं।

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