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Thursday, August 19, 2021
झंडा फहराने के लिए ये नियम
स्वतंत्रता दिवस के 75वें वर्षगांठ पर आप भी तिरंगा फहराने की सोच रहे हैं
तो पहले झंडा फहराने के नियमों को अच्छी तरह से जान लें।
भारत में इस मौके पर लालकिले पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं। इसके अलावा पूरे देश भर में तिरंगा फहराया जाता है। 26 जनवरी, 2002 को भारतीय ध्वज संहिता को बदल दिया गया था। जिससे नागरिक अपने घरों, कार्यालयों में तिरंगा फहरा सकते हैं। अपने निजी स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए संविधान द्वारा नियम कानून बनाए गए हैं। आए जान लेते हैं
स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए किन नियमों का पालन करने की जरूरत है, और क्या नहीं ।
झंडा फहराने के लिए ये नियम
नई संहिता की धारा 2 कहती है कि सभी नागरिकों को अपनी निजी संपत्ति पर तिरंगा फहराने का अधिकार है।
किसी आयोजन या निजी संगठन या एक शैक्षणिक संस्थान का कोई सदस्य तिरंगे की गरिमा और सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है।
राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान को बढ़ावा देने के लिए, स्कूलों, कॉलेजों, खेल शिविरों और स्काउट शिविरों जैसे शैक्षणिक संस्थानों में तिरंगा फहराया जा सकता है।
स्कूलों में निष्ठा की शपथ के साथ तिरंगा फहराना चाहिए।
क्या न करें
तिरंगे को सांप्रदायिक उद्देश्यों, ड्रेपरियों या कपड़ों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है।
तिरंगा को सूर्यास्त से पहले तक ही फहराना चाहिए। चाहे वो कोई भी मौसम हो।
तिरंगे को जमीन पर नहीं रखना चाहिए ।
वाहन, ट्रेन, नाव और विमान के ऊपर इसे लपेट कर नहीं रखा जा सकता है।
तिरंगे को किसी दूसरे झंडे या किसी अन्य झंडे के बीच रखा जा सकता है।
तिरंगे के ऊपर फूल, माला या प्रतीकों सहित कोई भी चीज नहीं रखी जा सकती है।
तिरंगे का उपयोग उत्सव, रोसेट या बंटिंग के रूप में नहीं किया जा सकता है।
भारत में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश्वसियों में अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम जगता है। भारतीय इस दिन भारत की आजादी की लड़ाई में देश के स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों को याद करते हैं। 15 अगस्त देश भर में मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय छुट्टी है। राष्ट्रीय ध्वज स्कूलों, कॉलेजों, हाउसिंग सोसाइटियों, कंपनियों, उत्सव के आयोजनों में फहराया जाता है। राष्ट्रीय झंडा एक राष्ट्रीय प्रतीक है, जिसका गलत तरीके से उपयोग नहीं किया जा सकता है। इसलिए सरकार द्वारा भारत का ध्वज संहिता बनाया गया। संहिता में गलत तरीके से झंडा फहराने पर आर्थिक दंड के साथ-साथ जेल तक होने का प्रावधान है।
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